अक्सर गुमसुम रहनेवाला नगमा हूँ मैं
आपकी यादों में रहनेवाला लम्हा हूँ मैं
आप मेरी जान हो तो एक बात बताओ
आपके होते हुये भी क्यूँ तन्हा हूँ मैं।
इश्क़ की नासमझी में हम सब अपना कुछ ना कुछ गवा बैठे …
उन्हें खिलौने की जरूरत थी और हम अपना दिल ही थमा बैठे !!!
हर पल हर लम्हा में
आपको याद करती हूं,
बस एक बार देखिए
मेरी आंखो में,
मैं आपसे कितनी मोहब्बत
करती हूं।
“अगर ये डर हैं तुझको,की मैं तुमको, तुम से तू कर दूंगा,,,
तो मशवरा हैं मेरा ख़त्म गुफ्तगू कर दूंगा…
मैं जिस्म का शौकीन नहीं मोहब्ब्त रूह वाली करता हूं,,,
अगर मिले मेरी मोहब्बत में तेरी रूह को जख्म,तो मैं वो कारीगर भी हूं जो तेरे रूह के जख्मों को भी रफू कर दूंगा”…!!!
“हर शाम किसी के लिए सुहानी नहीं होती,,,
हर प्यार की कोई कहानी नहीं होती…
कोई तो असर होता हैं दो दिलों के मेल का,,,
वर्ना गौरी राधा सांवले कान्हा की दीवानी नहीं होती”…!!!
सच्चे इश्क़ की फितरत ही कुछ
ऐसी होती है,,,
शरीफों को मिलती नही और कमीनों से संभलती नही।
हम आपके प्यार में कुछ ऐसा कर जायेंगे,
बन कर खुशबू इन हवाओं में बिखर जायेंगे,
भुलाना अगर चाहो तो साँसों को रोक लेना,
वरना साँस भी लोगे तो दिल में उतर जायेंगे।
मुकद्दर में लिखी कोई बात हो तुम ,
तकदीर की खूबसूरत सौगात हो तुम…!
करके प्यार तुमसे महसूस ये हुआ,,
जैसे सदियों से यूही मेरे साथ हो तुम…!!
अक्सर गुमसुम रहनेवाला नगमा हूँ मैं
आपकी यादों में रहनेवाला लम्हा हूँ मैं
आप मेरी जान हो तो एक बात बताओ
आपके होते हुये भी क्यूँ तन्हा हूँ मैं।
किस किस से छुपाऊ तुम्हें मैं
अब तो तुम मेरी मुस्कुराहट मे भी नजर आने लगे हो।।
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